Wednesday, August 03, 2005

हर हर गंगे


स्थान: हर की पौड़ी, हरिद्वार
हरिद्वार जाना हो और हरि की पौड़ी जाना ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है.
लेकिन सबसे ज्यादा विहंगम दृश्य शाम की आरती का होता है, दुर्भाग्य से इस बार वो नही देख सका.

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