यह है अक्षरधाम मन्दिर का एक चित्र। यह मन्दिर वास्तुकला का एक अदभुत नमूना है। यह स्वामी नारायण सम्प्रदाय के अनुयायियों द्वारा बनाया गया है। ज्यादा जानकारी के लिये यहाँ देखिये।
मन्दिर के अन्य चित्रों को देखने के लिये यहाँ क्लिक करिये।
Sunday, November 27, 2005
Sunday, October 30, 2005
दीपावली
Saturday, October 22, 2005
कत्थक नृत्य
जितेंद्र ने इतने प्यार से नयौता दिया तो मना कैसे करता ?
प्रस्तुत हैं दो तस्वीरें इस भारत यात्रा से. दोनो तस्वीरें पंडित बिरजु महाराज के कत्थक नृत्य समारोह में खींची. ६८ वर्षीय गुरु जी जब नाचते हैं तब उनके शरीर में जवानी की लचक आ जाती है. लखनऊ के कालका बिंदादीन घराने के गुरु जी को २८ वर्ष की आयु में ही भारतीय संगीत नाटक अकेडमी का पुरस्कार मिला था. दोनो तस्वीरें मुझे कम्पोज़िशन की दृष्टि से अच्छी लगीं.
प्रस्तुत हैं दो तस्वीरें इस भारत यात्रा से. दोनो तस्वीरें पंडित बिरजु महाराज के कत्थक नृत्य समारोह में खींची. ६८ वर्षीय गुरु जी जब नाचते हैं तब उनके शरीर में जवानी की लचक आ जाती है. लखनऊ के कालका बिंदादीन घराने के गुरु जी को २८ वर्ष की आयु में ही भारतीय संगीत नाटक अकेडमी का पुरस्कार मिला था. दोनो तस्वीरें मुझे कम्पोज़िशन की दृष्टि से अच्छी लगीं.
Wednesday, August 17, 2005
Sunday, August 14, 2005
मसूरी यात्रा का आखिरी चित्र
Thursday, August 11, 2005
गन हिल, मसूरी
Wednesday, August 10, 2005
लोटस टैम्पल, नयी दिल्ली
बहाई सम्प्रदाय का प्रार्थना स्थल, लोटस टैम्पल
आधुनिक युग की वास्तुकला का एक बेजोड़ नमूना है. यदि आप दिल्ली जा रहे है तो इसे देखना मत भूलियेगा.
इन्द्र भाई की देखादेखी, मैने भी वास्तुशिल्प का नमूना पेश किया है. अभी मंसूरी की यात्रा बाकी है, उसके फोटोग्राफ्स अगली पोस्ट मे अपलोड करूंगा.
The Taj
हमारे निवेदन के फलस्वरूप, इन्द्र भाई ने कुछ तस्वीरे अपलोड की है, इनका भारत यात्रा के सफर मे हार्दिक स्वागत है. आप भी हमारे हमसफर, इन्द्र भाई की तस्वीरों पर कमेन्ट करके उनका स्वागत कीजिये
Tuesday, August 09, 2005
हनीमूनर्स पैराडाइज
माल रोड के समानान्तर एक और रोड है जिसको कैमल बैक रोड कहते है, यह रोड कुलड़ी बाजार से शुरु होकर, लाइब्रेरी तक जाती है, अक्सर सुनसान रहती है हनीमून पर आने वालों के लिये एकाकी की सबसे अच्छी जगह होती है. इसके अलावा टहलने के लिये सबसे उत्तम जगह, कुल छह किलोमीटर का फासला है, वादी मे दृश्य देखते हुए, रास्ता कब कट जाता है, पता ही नही चलता.आप भी मजा लीजिये.
कैम्पटी फाल के कुछ और चित्र
ऊपर वाला चित्र शुक्ला जी के भ्रम को दूर करने के लिये है.
नीचे वाले चित्र मे कैम्पटी फाल के पास बना एक वाटर पार्क.
Monday, August 08, 2005
एक और सूर्यास्त का दृश्य
पर्यटन स्थलों पर गन्दगी
दूसरों द्वारा फैलाई गन्दगी पर हम नाक मुँह सिकोड़ते है, लेकिन क्या हम लोग गन्दगी नही फैलाते? मसूरी पर टूरिस्ट द्वारा फैलाई गयी गन्दगी देखिये. क्या हम सब इन सबके जिम्मेदार नही है? विदेशों मे जाकर तो हम लोग कोई भी कूड़ा करकट, कूड़ेदान के बिना नही फेंकते, लेकिन वापस अपने देश मे? गलती कंही ना कंही हमारे अन्दर ही है.जब तक हम नही सुधरेंगे, ये समस्या बनी रहेगी, भले ही हम लाख प्रशासन को गालियाँ देते रहे
Sunday, August 07, 2005
पदमिनी निवास
मसूरी मे मेरी रिहाइश होटल पदमिनी निवास मे थी, ये होटल लाइब्रेरी के पास, माल रोड पर ही है. यह एक हैरीटज बिल्डिंग है. कमरे शाही शानौशौकत दर्शाते है, खाना बहुत लज़ीज है और सबसे बड़ी बात, होटल मे रहकर आपको लगता है कि आप किसी महल मे शाही मेहमान हो.
देखिये कुछ तस्वीरे, पदमिनी निवास की
मेरा कमराः मैने शाही सुइट लिया था
यहाँ के खाने मे आपको घर जैसा स्वाद मिलेगा
ज्यादा जानकारी के लिये पदमिनी निवास की वैब साइट पर जायें
मसूरी मे सूर्यास्त का नजारा
शाम का धुंधलका छाने लगा था, दूर कंही देहरादून शहर की बत्तिया टिमटिमाती दिखायी दे रही थी. किसी भी कैमरे से देहरादून साफ नही दिखायी देता, मैने कई बार कोशिश की, कृपया फोटो को जूम करके देखें.तब शायद आपको दून वैली कुछ साफ दिखायी दे.एक और कोशिश करते है
चित्रः होटल के लान से दून वैली का नजारा
और हाँ मै होटल पदमिनी निवास मे रूका था, जो मसूरी को सबसे पुरानी इमारतों मे से एक है और आजकल एक हैरिटेज होटल है.
Friday, August 05, 2005
मसूरी का पहला दर्शन
देहरादून से मसूरी के लिये निकलते ही बादल और बरसात के हमारे साथ हो लिये, पहाड़ों पर साथी था घना कोहरा, हर मोड़ पर कोहरा बढता ही जा रहा था, लेकिन मसूरी का पहला नजारा देखते ही सारी शिकायते दूर हो गयी.
अब जैसी ही हमने मसूरी मे प्रवेश किया, मौसम साफ होता गया, माल रोड पर होटलों ने पार्किग अपने होटलों की छत पर बना रखी है.
चित्रः माल रोड, मसूरी
अब जैसी ही हमने मसूरी मे प्रवेश किया, मौसम साफ होता गया, माल रोड पर होटलों ने पार्किग अपने होटलों की छत पर बना रखी है.
चित्रः माल रोड, मसूरी
धन्यवाद एवं निवेदन
साथियों आपके प्यार और स्नेह का बहुत बहुत धन्यवाद, अभी भारत यात्रा का सफर शुरु हुआ है, आप भी इसमे सहयोग कर सकते है, यदि आपके पास भारत से सम्बंधित कुछ अच्छे चित्र हो,जिन्हे आप हमारे साथ शेयर करना चाहते है तो आपका स्वागत है. आप हमे चित्र भेजिये, साथ मे उसका कैप्शन भी. आपका चित्र आपके नाम और कैप्शन के साथ छापा जायेगा, ये हमारा वादा है.
आज का चित्रः हरिद्वार ऋषिकेश रोड के, कितना सुन्दर नजारा है, लेकिन पुल की रेलिंग को देखिये, क्या ऐसा होता है रखरखाव?
आज का चित्रः हरिद्वार ऋषिकेश रोड के, कितना सुन्दर नजारा है, लेकिन पुल की रेलिंग को देखिये, क्या ऐसा होता है रखरखाव?
Thursday, August 04, 2005
पहाड़ी रास्तों के खूबसूरत नजारे
फन वैली
Wednesday, August 03, 2005
हर हर गंगे
भोले बाबा का आशीर्वाद
स्थानःऋषिकेश रोड, हर की पौड़ी के पास, हरिद्वार
यात्रा शुरु करने से पहले पहले हम जा पहुँच भोले बाबा के दर्शन करने......हरिद्वार मे हर की पौड़ी के पास विराजमान है, साक्षात भोले बाबा
हमने पूछा पैर मे दिक्कत है यात्रा कैसे करूंगा...........भोले बाबा छूटते ही बोले...निसंकोच जाओ, सब ठीक होगा...............मै हूँ ना
तो फिर हम निकल पड़े आगे की यात्रा पर................
फूल हमेशा खूबसूरत होते है
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