Wednesday, August 10, 2005

Sursa Mata in Kanpur

1 comment:

अनूप शुक्ल said...

अवस्थी,तस्वीर तो खूबसूरत है ही। बकौल स्वामीजी ,यह हमारा पहला प्यार जो ठहरा। कैफे -५१२ की फोटो भी जरा चपकाओ। हमें भी
भेजो। तुम भी लिख मारो जरा ब्लागर मीट।